गुरुवार, 5 अप्रैल 2018

Tall 15


Balance Sheet (आर्थिक चिट्ठा) क्या है ?
व्यवसाय के स्थिति को प्रकट करने के लिए जो लेखा तैयार किया जाता है, उसे Balance Sheet कहा जाता है।
दूसरे शब्दों में इसे हम ऐसे भी कह सकते है कि सम्पत्ति एवं दायित्वों के स्थिति को प्रकट करने के लिए जो लेखा तैयार किया जाता है। उसे Balance Sheet (आर्थिक चिट्ठा) कहा जाता है।
Balance Sheet (आर्थिक चिट्ठा) कोई खाता नहीं है केवल विवरण-पत्र है जिसमें व्यापार की पूँजी, ऋण, सम्पति एवं जायदाद के साथ-साथ समस्त देनदारों व लेनदारों के खातों का शेष लिखते हैं इसलिए इसे व्यापार का संक्षिप्त आर्थिक विवरण कहा गया है।
स्थिति विवरण एक निश्चित समय पर किसी चालू व्यवसाय की वित्तीय की तस्वीर है।
Balance Sheet में बायें पक्ष को Capital And Liabilities (पूंजी व दायित्व पक्ष) कहा जाता है तथा दायें पक्ष को Assets And Properties (सम्पत्ति व जायदाद)कहा जाता हैं।
Balance Sheet बनाने के निम्नलिखित मुख्य उद्देश्य या लाभ है :
  • Balance Sheet से व्यापारी की आर्थिक स्थिति का ज्ञान होता है।
  • Balance Sheet से सम्पतियों की प्रवृत्ति तथा मूल्य का ज्ञान प्राप्त हो जाता है।
  • Balance Sheet से दायित्वों की प्रकृति तथा सीमा की जानकारी होती है।
  • Balance Sheet से पूँजी में वृद्धि अथवा कमी की जानकारी हो जाती है।
  • Balance Sheet चिट्ठे की सहायता से व्यापार का मूल्य तथा ख्याति का मूल्य निर्धारित किया जा सकता है।
  • Balance Sheet से फर्म की ऋणों के भुगतान करने की क्षमता का ज्ञान प्राप्त हो जाता है।
  • Balance Sheet से व्यापार की लाभप्रदता का ज्ञान होता है।
  • Balance Sheet द्वारा व्यावसायिक शुद्ध लाभ/हानि तथा व्यवसायी के आहरण का ज्ञान होता है।
Balance Sheet में बायें पक्ष को Capital And Liabilities (पूंजी व दायित्व पक्ष) कहा जाता है तथा दायें पक्ष को Assets And Properties (सम्पत्ति व जायदाद)कहा जाता हैं।
Capital And Liabilities Side में आने वाले मदों को निम्न पांच शीर्षकों के अंतर्गत दिखाया जाता है :
  1. Share Capital (अंश पूंजी )
इस शीर्षक के अंतर्गत निम्नलिखित तरह के पूंजी को दिखाया जाता है :
    • Equity Share Capital (समता अंश पूंजी )
  1. Reserve And Sur-Plus Income (संचित एवं आधिक्य)
इस शीर्षक के अंतगर्त निम्नलिखित तरह के लाभों को लिखा जाता है :
    • General Reserve (सामान्य संचित)
    • Capital Reserve ( पूंजी संचित)
    • P/L (Cr.) (लाभ-हानि जमा)
    • Security Premium (प्रतिमूर्ति प्रब्याज)
    • Share Forfeiture (अंशों का हरण)
  1. Secured Loans (सुरक्षित ऋण)
इस शीर्षक के अंतर्गत निम्नलिखित तरह के दायित्वों को दिखाया जाता है :
    • Debenture (ऋणपत्र)
    • Bonds (बंधन)
    • Bank Loan (अधिकोष ऋण)
    • Mortgage Loan ( बन्धक ऋण )
  1. Current Liabilities (चालु दायित्व)
इस शीर्षक के अंतर्गत निम्नलिखित अल्पकालीन दायित्वों को लिखा जाता है :
    • Creditor (लेनदार)
    • B/P (देय विपत्र )
    • Bank Overdraft ( बैंक अधिविकर्ष)
    • Outstanding Expense (अदत्त व्यय)
    • Advance Income (अग्रिम आय)
  1. Provisions ( प्रावधान)
इस शीर्षक के अंतर्गत निम्नलिखित प्रावधानों को लिखा जाता है :
    • Provision For Bad Debts (अप्राप्य ऋण के लिए प्रावधान )
    • Provision For Taxation (करो के लिए प्रावधान )
    • Provision For Repairs ( मरम्मती के लिए प्रावधान )
********************************************************************
Assets And Properties Side में आने वाले मदों को निम्न तीन शीर्षकों के अंतर्गत दिखाया जाता है :
  1. Fixed Assets (स्थायी सम्पत्ति)
जिस सम्पत्ति में बराबर परिवर्तन नहीं होता है, उसे इस शीर्षक के अंतर्गत दिखाया जाता है। इसमें आने वाले मदों का नाम इस प्रकार है :
    • Land And Building
    • Plant And Machinery
    • Furniture And Fixture
    • Loose Tools
    • Goodwill
    • Patent Right
    • Trade Marks
  1. Current Assets (चालू सम्पत्ति)
जिस संपत्ति में बराबर परिवर्तन होता रहता है, उसे इसमें दिखाया जाता है। इसके मदों का निम्नलिखित नाम है :
  1. Cash
  2. Bank
  3. Debtors
  4. Investment
  5. Stock
  6. Prepaid Expense
  7. Accrued Income
  8. Miscellaneous Expenditure (विविध व्यय )
इस शीर्षक के अंतगर्त अवास्तविक सम्पतियों को दिखाया जाता है। कुछ खर्च एवं हानियों को तत्काल सम्पत्ति के रूप में दिखाया जाता है परन्तु धीरे-धीरे इसे P/L Account में जाकर समाप्त कर दिया जाता है। निम्न मदों को इसमें दिखाया जाता है :
    • Preliminary Expense (प्रारंभिक व्यय)
Balance Sheet की निम्नलिखित विशेषताएँ है :
  • Balance Sheet एक खाता नहीं है अपितु एक विवरण-पत्र है।
  • Balance Sheet इसमें पूंजी एवं दायित्वों और सम्पत्ति एवं जायदादों को दिखाया जाता है।
  • Balance Sheet को दो भागों में विभाजित किया जाता है - बायें भाग को दायित्व भाग (Liabilities Side) तथा दायें भाग को सम्पत्ति भाग(Assets Side) कहा जाता है।
  • Balance Sheet के दोनों पक्षों के योग बराबर होते हैं।


Balance Sheet As On 31st March 2017
 

Liability

Amount
Assets

Amount
Capital

72100
Fixed Assets

18360
Capital
66510

Computer A/c
16000

+ Net Profit
5590

Furniture A/c
2360







Loan

15000
Current Assets

75940
Vijay Loan A/c
15000

a. Closing Stock
32000




b. Sundry Debtors
18500




Sundry Debtors
18500

Current Liability

7200
c. Bank Balance
4000

(a) Sundry Creditors
3700

Cash at Bank
4000

Sundry Creditors
3700

d. Cash In Hand
1440

(b) Other Liability
3500

Cash In Hand
1440

Unpaid Salary
3500

e. Loan & Advance


Prepaid Commission


f. Deposit
20000

Advance Rent


Fixed Deposit
20000




g. Investment





h. Miscellaneous Expenses




94300


94300

बुधवार, 4 अप्रैल 2018

Dos Commands

डॉस की कमांड्स 
 हम जानते है कि,कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम कि उपस्थिति में ही कार्य करता है | MS-DOS एक ऑपरेटिंग सिस्टम है जो कंप्यूटर का संचालन करता है | जब कोई ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर का संचालन करता है तो यह यूजर तथा हार्डवेयर के बीच सम्बन्ध जोड़ने के लिए कमांड इन्टरप्रेटर के जरिये यूजर के लिए कमांड कि सुविधा प्रदान करता है | MS-DOS में भी यह सुविधा दो तरह के कमांड्स के द्धारा मिलती है जो कि निम्नलिखित है –
  • आंतरिक कमांड (internal command):-यह कमांड्स DOS के साथ हमेशा मौजूद रहते है क्योकि यह कमांड बूटिंग के साथ ही स्वतः मेमोरी में स्टोर हो जाते है | यह भी COM प्रोग्राम FILE में संकलित होते है | इसलिए ये कमांड सदैव उपलब्ध होते है जब तक कि क्रियान्वित कर सकते है कुछ आन्तरिक कमांड्स के उदाहरण निम्नलिखित है –MD, DIR, CD, Copy, Type, Rename इत्यादि|
    
आंतरिक कमांड (internal command):-
DIR COMMAND:-यह कमांड्स किसी डायरेक्ट्री में फाइल्स और सब-डायरेक्ट्री कि सूची प्रदर्शित करता है |
Syntax-                        C:\>Dir
यदि किसी विशेष डायरेक्ट्री की फाइल कि सूची देखना चाहते है |तो dir  के साथ डायरेक्ट्री का नाम देते है |
Syntax-                   C:\>Dir<Directory name>
Ex. –                        C:\> Dir abc
MD COMMAND (Make Directory):-इस कमांड का उपयोग नयी डायरेक्ट्री बनाने के लिए किये जाता है
Syntax-                  C:\>MD<Directory name>
Ex. –                       C:\> MD ABC
CD COMMAND (Change Directory):- इस कमांड का उपयोग डायरेक्ट्री को बदलने के लिए किया जाता है
Syntax-                  C:\>CD<DIR name>
Ex. –                       C:\> CD ABC
CD.. – इस कमांड का उपयोग डायरेक्ट्री से बाहर जाने लिए किये जाता है
Syntax-                  C:\> <Dir name><command>
Ex. –                       C:\> ABC>CD..
C:\>
RD COMMAND (Remove Directory):- इस कमांड का उपयोग Disk में पहले से बनी हुई डायरेक्ट्री को remove करने के लिए किया जाता है|
Syntax-                  C:\>RD<DIR name>
Ex. –                        C:\> RD ABC
CLS (Clear Screen Command):-इस command के द्धारा Screen को Clear कर सकते है|
Syntax-                 C:\>CLS
Ex.-                        C:\>CLS
COPY COMMAND: – इस command के द्धारा हम किसी भी file कि duplicate file  बना सकते है|
Syntax 1-          C:\>Copy<File Name><New Name>
Syntax 2-         C:\> Copy <Path\File Name><Target Drive>
Ex.-                   C:\> COPY ABC XYZ.
Ex.-                   C:\> COPY DELHI D:
DEL COMMAND (Delete Command):-इस कमांड का उपयोग File को disk से delete करने के लिए किया जाता है
Syntax-                  C:\>Del<DIR name>
Ex. –                        C:\>Del ABC.txt
REN COMMAND (RENAME COMMAND):-इस कमांड का प्रयोग फाइल को रीनेम करने के लिए किया जाता है
Syntax-                        C:\>REN<Old File Name><New File Name>
Ex. –                              C:\>REN ABC.txt XYZ.txt
TYPE COMMAND: – इस command का use हम File के टेक्स्ट  को Screen पर देखने के लिए कर सकते है|
Syntax-                  C:\>TYPE<DIR name>
Ex. –                       C:\> RD ABC.txt
DATE COMMAND: – इस command के द्धारा हम Current date (MM-DD-YY) format में देख सकते है|
Syntax-                   C:\>date
Ex. –                        C:\>date
TIME COMMAND: – इस command के द्धारा हम Current time देख सकते है|
Syntax-                  C:\>time
Ex. –                       C:\>time

VER (VERSION):-इस command के द्धारा हम System में present disk operating system का version देख सकते है|
Syntax-                 C:\>Ver
Ex.-                        C:\>Ver
COPY CON COMMAND: –इस command का use file  को create करने के लिए किया जाता है |
Saving file : file Ctrl+Z के द्धारा save कि जाती है |
Syntax-                        C:\>Copy Con<File Name>
Ex.-                               C:\> Copy Con ABC.txt
Hello this is first file
                                       ^Z (Ctrl +Z)/F6
1 file copied
PATH COMMAND: – यह command Dos को यह बतलाता है कि किसी programs का पता लगाने के लिए इसे कौन सी directory search करना चाहिए |
Syntax-                  C:\>PATH
Ex-                          C:\>PATH
Changing the drive:-किसी भी drive का  नाम change करने के लिए उस drive का name colon के साथ enter किया जाता है
Syntax-          C:\><Drive name>
Ex. –               C:\>A:
EXIT COMMAND:- इस command का use Dos prompt से बाहर आने के लिए किया जाता है |
Syntax-       C:\>Exit
Ex-               C:\>Exit

PROMPT COMMAND:- इस command के द्धारा हम Prompt change कर सकते है|
Syntax-                  C:\>prompt_name
Ex. –                       C:\> prompt_paragon
बाह्य कमांड (External Command):-बाह्य कमांड्स ऐसे छोटे प्रोग्राम (Short Program) होते है जो Floppy Disk अथवा Hard Disk पर Store होते है एवं आवश्यकता पढने पर इन्हें Execute किया जा सकता है यह मेमोरी में Store होते है एवं क्रियान्वित होते है | बाह्य कमांड्स कि अपनी एक फाइल होती है जिसको क्रियान्वित करने से कमांड रन होती है | बाह्य कमांड्स (External Commands) के उदाहरण निम्न है – Format, Print, Backup, Help, Disk, Dos key, Tree  इत्यादि |  
 
 LABEL Command
 इस कमाॅड की सहायता से drive के label and serial number को देख सकते है। और बदल भी सकते हैं।
Label की साईज windows xp में 11 कैरेक्टर और windows 7 में 32 कैरेक्टर हो सकती है। और इससे लेवल को delete भी कर सकते हैं।
Syntax:-    c:\>LABEL <Drive Name>
Example:- c:\>LABEL A:
Tree Command
इस की सहायता से डायरेक्टरी एवं फाईल को Tree format  में देख सकते है। फाईल को देखने के लिये स्विच/F का प्रयोग किया जाता है।
Syntax:-     c:\>TREE / [Switch] [path]
Example:-  c:\>TREE /F micro
CHKDSK Command
CHKDSK का पूरा नाम Check Disk है इसकी सहायता से सेकेंडरी मेमोरी को चेक किया जाता है
Syntax:-     c:\> CHKDSK <Drive Name>
Example:- c:\> CHKDSK D:\
Append Command
 यह कमाॅड डाटा फाईल को पाथ प्रदान करता है। यह कमाॅड पाथ कमाॅड के समान कार्य करता है।इस कमाॅड की सहायता से तीन प्रमुूख कार्य किये जाते हैं।
Data file  का पाथ देख सकते हैं।पाथ तोड सकते हैं।पाथ को सेट कर सकते हैं।
पाथ देखना
c:\>append
path तोड़ने के लिए
c:\>Append;
No Path
Path set करना
Syntax: – Append=data file का पता; other data file address
c:\>Append=c:\micro;d:\mukesh
DiskCopy Command
इस कमाॅड का प्रयोग floppy disk की काॅपी करने के लिये किया जाता है। क्येां कि अधिकांष floppy  बारबार प्रयोग करने पर खराब हो जाती हैं। इसलिये एक से अधिक floppy की काॅपी होना जरूरी होता है।
नोटः- दोनों floppy की साईज एक समान होना चाहिये । जिस फ्लॉपी में कॉपी करना है वह format होना चाहिए कॉपी के बाद diskcomp command run करना चाहिए



Power Point Question No 10


Q. 10 MS Power Point में Slid Show एवं Action Button को समझाईये।
Slid Show
MS Power point एक Program है जो MS office के अन्‍तर्गत आता है। इसमें हम Slides के आधार पर Presentation बनाते है। इसमें हमारे द्वारा बनाई गई विभिन्‍न Slides को हम Show करके Full Screen पर देख सकते है इस प्रक्रिया को Slide Show कहा जाता है। Slide Show से संबंधित Options निम्‍न है।
Slide Show हेतु सर्वप्रथम Power Point में Presentation बनाने के बाद Slide Show Tab पर Click करते है उसके उपरान्‍त हम Start Slide Show Section में जाते है जहॉ हमे निम्‍न Option दिखाई देते है:-
1.      From Beginning :- इस Option का प्रयोग Presentation को पहली Slide से देखने के लिए किया जाता है। इसकी Keyboard Shortcut F5 है।
2.      From Current Slide:- इस Option का प्रयोग Presentation को Current Slide से देखने के लिए किया जाता है उदाहरण के तौर पर यदि हम 5 Number की Slide पर हो तो Presentation 5 Number की Slide से Start होगा। इसकी Keyboard Shortcut Shift + F5 है।
3.       Custom Slide Show:- इस Option का प्रयोग Presentation में Selected Slides को Add करने के लिए किया जाता है। उदाहरण के तौर पर हमने 12 Slide का Presentation तैयार किया परंतु अब हम केवल उनमे से 9 Slides को ही Presentation में दिखाना चाहते है। तो इसके लिए हम Custom Slide Show का प्रयोग कर सकते है।
4.      Set up – Hide Slide:- Hide Slide Option, Slide Show Tab के Set up Section में होता है इसकी सहायता से हम Presentation के दौरान अनावश्‍यक Slides को Hide करने के लिए करते है।
Note:- Slide Show को चलाने के लिए Mouse के left Click का प्रयोग करते है एवं Presentation को तत्‍काल समाप्‍त करने के लिए Esc (स्‍केप) Button का प्रयोग करते है।
Action Button
Power Point में Action Button Option का प्रयोग हम दो Slides को किसी Object की सहायता से hyperlink करने के लिए करते है ऐसा करने से हम किसी भी Slide पर Presentation के दौरान जल्‍दी चले जाते है इसके लिए हम निम्‍न Steps Follow करते है।
1.      यदि हमारे पास कोइ Presentation है एवं Presentation के दौरान हमे 5 Number की Slide से पुन: 3 Number की Slide पर जाना होता है तो यह कार्य हम Action Button की सहायता से कर सकते है।
2.      5 Number वाली slide पर type कीये गये किसी भी text box को Select करे।
3.      Insert Tab में Links Section में जाकर Action Button पर Click करे।
4.      Action Button पर Click करने पर Action Settings window open हो जाएगी इसमें हम link दो प्रकार से दे सकते है एक Mouse Click एवं Mouse Over.
5.      अब हम Mouse Over पर Click करते है। Hyperlink to radio Button को Select करते है।
6.      उसके बाद Drop down Arrow की सहायता से Slide को Select करते है।
7.      इसमे हम Slide Number 3 को Select करके Ok करते है।
8.      अब यदी Presentation के दौरान हम उस Link पर Mouse ले जावे तो 5 Number की Slide से सिधे 3 Number की Slide पर जा सकते है एवं पुन: 5 Number Slide पर आने के लिए भी link कर सकते है।
Note:- इसके अलावा हम किसी Program, Macro, other Power point Slide को भी link कर सकते है।

Corel Draw 14

  

Corel Draw में Invitation card कैसे तैयार करे?
1.       कोरल ड्रा को open करे।
2.       Page की Properties में जाकर पेज की चौडाई (width) 5 Inch एवं पेज की लम्‍बाई (height) 6.5 Inch Set करे।
3.       Rectangle tool (F6) की सहायता से एक Rectangle draw करे।
4.       Rectangle का साईज चौडाई (width) 5 Inch एवं पेज की लम्‍बाई (height) 6.5 Inch Set करे व P press करे।
5.       अब rectangle को color palette से color दे।
6.       अब Freehand tool(F5) fly out से Artistic media tool(I) को select कर उसकी properties में से spray को select कर draw करे।     
7.       फीर उस draw की गई design को select करे व effects menu मे जाए।
8.       Effects menu में power clip ओर फिर place inside container पर click करे जिससे एक black arrow दिखने लगगा। उस arrow से rectangle पर click करे।
9.       ऐसा करने से draw की गई design rectangle के अन्‍दर चली जाएगी।
10.    अब पुन: effect menu में power clip edit contains पर click करे।
11.    ऐसा करने पर आप rectangle के अन्‍दर डाले गये design को set कर सकते है अब effect menu में power clip में जाकर finish editing this level पर click करे।
12.    अब text tool(F8) पर Click कर निचे दिया गया text type करे। 

Fundamentals of Computer

Reversing Journal Voucher

  Reversing Journal Voucher एक प्रकार से नकली Vouchers होते है जो कि हम Final Accounts में किसी Data को Add करने के लिए बनाए जाते है ताकि ...