रविवार, 1 अप्रैल 2018

Tally 12


Final Account:-

लाभ-हानि को निर्धारित करने एवं व्यवसाय के स्थिति को प्रकट करने के लिए जो लेखा तैयार किया जाता है, उसे Final Account कहा जाता है।

अंतिम लेखा लेखांकन का एक मुख्य हिस्सा होता है जिसके अंतगर्त व्यवसाय के लाभ-हानि को निर्धारित किया जाता है और व्यवसाय के वृत्तीय स्थिति को प्रकट किया जाता है।

इसे हम ऐसे भी कह सकते है कि लाभ-हानि एवं व्यवसाय के स्थिति को जानने के लिए जो लेखा तैयार किया जाता है, उसे Final Account कहा जाता है।

एक माह, तीन माह, छः माह एवं एक वर्ष के अन्तराह पर तैयार किया जाता है। समान्यतया व्यवसायि लोग एक-एक वर्ष पर यह लेखा तैयार करता है।

Final Account तैयार करने के लिए बहुत सारे लेखा को तैयार करना पड़ता है। अंत में लाभ-हानि एवं व्यवसाय के स्थिति को

जानने के लिए यह लेखा तैयार किया जाता है। इसलिए इसे अंतिम लेखा कहा जाता है।

Final Account, Trial Balance में दिए गये सुचना के आधार पर बनाया जाता है।

Trial Balance, Ledger में दिये गए सूचनाओं के आधार पर बनाया जाता है और Ledger, Journal में दिए गये सूचनाओं के आधार पर बनाया जाता है।

अतः Final Account के लिए Trial Balance का होना जरूरी है। Trial Balance के लिए Ledger का होना जरूरी है तथा Ledger के लिए Journal का होना जरूरी है।

लेखांकन एक वृक्ष के समान है जिसके जड़ को Journal कहा जा सकता है। तना एवं शाखाओं को Ledger एवं Trial Balance कहा जाता है तथा शीर्ष भाग को जिसमे फल लगता है उसे Final Account कह देना गलती नहीं होगा।

Final Account के अंतगर्त निम्नलिखित तीन Account तैयार किया जाता है :

  1. Trading Account (व्यापार खाता)

  2. Profit And Loss Account (लाभालाभ खाता)

  3. Balance Sheet (आर्थिक चिट्ठा)

1)   Trial Balance:-
2)      Trial से मतलब जाँच से होता है तथा Balance से मतलब शेष से होता है ।
3)      लेजर में जो शेष आता है वह सही है या नहीं इसे जाँचने के लिए जो लेखा तैयार किया जाता है उसे Trial Balance कहा जाता है ।
4)      दूसरे शब्दों में
5)      लेजर के शेष को जाँचने के लिए जो लेखा तैयार किया जाता है उसे Trial Balance कहा जाता है ।
6)      तलपट वित्तीय वर्ष के अन्त में अथवा अन्य किसी तिथि पर खाता-बही में खोले गए खातों के शेषों की वह सूची है जो इस जाँच-पड़ताल के लिए बनायी जाती है कि क्या वास्तव में डेबिट योग क्रेडिट योग के समान है।
तलपट (Trial Balance) की मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित है :
  • इसमें खाता-बही के खातों के डेबिट और क्रेडिट योगों के शेषों को दिखाया जाता है।
  • यह किसी निश्चित तिथि को तैयार किया जाता है ।
  • इसका उद्देश्य खातों के शेषों की अंकगणितीय शुद्धता ज्ञात करना है ।
  • यह सामन्यतया वर्ष के अंत में बनाया जाता है।
  • यह एक विशेष प्रकार की सूची होती है।
  • तलपट से अंतिम खाते तैयार किये जाते हैं।
Trial Balance के निम्नलिखित उपयोग है :-
  • यह बहियों को अंकगणितीय शुद्धता की जाँच करता है।
  • यदि तलपट का मिलान हो जाये तो मन जा सकता है कि बहियाँ ठीक-ठाक हैं।
  • तलपट के उपलब्ध रहने से वित्तीय विवरणों या अंतिम खातों के निर्माण में सहायता मिलती है। वस्तुतः तलपट अंतिम खाते के लिए आधार या आदान का कार्य करता है।


निम्नलिखित शेषों से 31 मार्च, 2009 को सही व उपयुक्त रूप में Trial Balance बनाइए :
Purchase
10,250
Sales
25,850
Opening Stock
3,800
Wages
2, 600
Salaries
3, 400
Purchase Returns
2,350
Capital
40,000
Insurance
1,200
Rent And Taxex
2,400
Creditors
6,700
Commission
500
Buildings
10,000
Debtors
5,800
Bills Receivable
4,000
Machinery
15,000
Furniture
4,500
Interest On Investments
1,200
Investment
15,000
Sales Returns
850
Discount Received
2,200
 

क्‍या Trial Balance खातो की पूर्ण शुद्धता का प्रमाण है?
तलपट बनाने का प्रमुख उद्देश्य खातों की गणितीय शुद्धता की जाँच करना है।
साधारणतया तलपट के दोनों पक्षों के जोड़ मिल जाते हैं तो यह समझा जाता है कि दोनों पहलुओं का लेखा पूर्ण है और कोई अंकगणितीय अशुद्धि नहीं है।
तलपट के मिलने से केवल गणित संबंधी शुद्धि का ही ज्ञान हो सकता है, उसे खातों की पूर्ण शुद्धता का प्रमाण नहीं माना जा सकता है।
अनेकबार ऐसा देखा गया है कि तलपट तो मिला हुआ है किन्तु बहियों में त्रुटियां हैं।
तो इस तरह कुछ अशुद्धियाँ ऐसी होती हैं जो तलपट के मिलान को प्रभावित नहीं करती हैं। और इसलिए हम कह सकते हैं कि तलपट का मिलान खातों की पूर्ण शुद्धता का प्रमाण नहीं है।
तलपट बनाने के निम्नलिखित उद्देश्य है :
  • तलपट बनाने का प्रमुख उद्देश्य खाता-बही में खोले गये खातों की शुद्धता विशेषकर अंकगणित शुद्धता की जानकारी प्राप्त करना है।
  • तलपट के बनाने से सहायक बहियों के योग में अशुद्धियों, खाताबही में खतौनी से संबंधित अशुद्धियों तथा खातों के शेष की गणना में हुई अशुद्धियों को ज्ञात करने में सहायक मिलती है।
  • प्रत्येक व्यापारी अपने व्यापार के लाभ-हानि व आर्थिक स्थिति की जानकारी प्राप्त करना चाहता है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए तलपट तैयार किया जाता है।
  • खाताबही के किसी भी खाते के शेष का ज्ञान सरलता से हो सकता है।
Trial Balance बनाते वक्‍त नोट करने वाली मुख्‍य बाते:-

Opening Stock (प्रांरम्भिक माल) को Trial Balance में लिखा जाता है परन्तु Closing Stock (अन्तिम माल) को Trial Balance में नहीं लिखा जाता है ।
Trial Balance में जो अन्तर आता है उसे भूलचूक खाता (Suspense Account) में डाल दिया जाता है ।
Trial Balance की निम्नलिखित सीमाएं है :
  • तलपट का मिलान बही-खातों की परिशुद्धता का अंतिम प्रमाण नहीं है।
  • यह बहियों पर एक प्रकार का नियंत्रण है, यह कुछ भी साबित नहीं कर सकता है।
  • यह बहियों का अंश नहीं है, साधारणतया यह कागज के एक पृथक पृष्ठ पर तैयार किया जाता है।
  • तलपट को प्रभावित करने वाली अशुद्धियाँ
Trial Balance में दो तरह की अशुद्धियाँ होती है :
तलपट को न प्रभावित करने वाली अशुद्धियाँ
इसके अन्तर्गत निम्नलिखित तरह की अशुद्धियाँ आती है :
    • सैद्धांतिक अशुद्धियाँ (Car Expense की जगह Car a/c में पैसे Debit करना)
    • भूल की अशुद्धियाँ (Entry करना भूल जाना)
    • हिसाबी अशुद्धियाँ (Amt गलत लिखना, गलत side लिखना)
    • क्षतिपूरक अशुद्धियाँ (500 गलत खाते में debit एवं गलत खाते में 500 Credit करना )
तलपट को प्रभावित करने वाली अशुद्धियाँ
इसके अन्तर्गत निम्नलिखित तरह की अशुद्धियाँ आती है :
    • गलत योग लगाना
    • खाते में खतौनी न किया जाना
    • खाते का गलत शेष निकालना
    • गलत खतौनी
    • एक ही खाते में दो बार खतौनी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Fundamentals of Computer

Reversing Journal Voucher

  Reversing Journal Voucher एक प्रकार से नकली Vouchers होते है जो कि हम Final Accounts में किसी Data को Add करने के लिए बनाए जाते है ताकि ...