बुधवार, 11 अप्रैल 2018

Tall 21 Bank Reconciliation Statement (बैंक समाधान विवरण) Part-2


आशय एवं उद्देश्‍य
आज के समय में अधिकतर लेनदेन बैंक के माध्‍यम से किये जाते है। इन transactions कि accounting करने के लिए व्‍यापारी tally में bank का खाता खोलता है। एवं बैंक से संबंधित सारे transactions उसी खाते में करता है। इसी तरह बैंक भी व्‍यापारी का सारा transaction अपने यहां maintain रखता है। बैंक ग्राहको को इन transactions (Entries) कि एक प्रति एक निश्‍चित अवधि के बाद देता है और यह निश्चित अवधि प्राय: एक माह कि होती है, ताकि ग्राहक अपने transactions कि जॉच कर ले। इस प्रति को बैंक स्‍टेटमेंट कहते है। हमारी accounts book में बैंक का balance व बैंक स्‍टेटमेन्‍ट का बैलेंस एक समान होना चाहिए। क्‍योंकी इनमें लेन देन का आधार एक ही होता है। परंतु ऐसा होता नहीं है प्राय: हमारे यहॉ का बैलेंस व बैंक स्‍टेटमेंट का बैलेंस समान नहीं होता। और इस असमानता को दुर करने के लिए बैंक समाधान विवरण (Bank Reconciliation Statement) बनाया जाता है। संक्षेप में हम कह सकते है कि ऐसा Statement जो एक निश्चित तारिख को हमारे यहॉ बैंक खाते के बैलेंस और bank Statement के balance में पाये जाने वाले अंतर का समाधान करने के लिये बनाया जाता है उसे बैंक समाधान विवरण (Bank Reconciliation Statement) कहते है।


बैंक समाधान विवरण के लाभ-    
1.     गलतियों का पता चलना
2.     छल कपट कि जानकारी
3.     बैंक द्वारा कि गई अन्‍य entries की जानकारी जो हमारे पास नहीं है।
4.     बैंक द्वारा कि गई गलत entries की जानकारी

हमारे यहॉ बैंक खाते एवं बैंक Statement में अंतर के प्रकार
1.     हमारे यहॉ बैंक के खाते में तो Entry है परंतु Bank Statement में नहीं है।
2.     Bank Statement में तो Entry है परंतु हमारे यहॉ bank खाते में नहीं है।
हमारे यहॉ बैंक के खाते में तो Entry है परंतु bank Statement में नहीं है।
1.     हमारे द्वारा चेक दिया गया लेकीन भुगतान हेतु Party द्वारा प्रस्‍तुत नहीं हुआ।
2.     हमारे द्वारा चेक लिया गया लेकीन भुगतान नहीं हुआ। (संभवत: Party के Account में पैसा न होने की Condition में ऐसा होता है)
3.     चेक Clearing में लगने वाला समय
4.     हमारे द्वारा चेक लिया गया लेकीन भुगतान हेतु बैंक में लगाया ही नहीं भुल गए।
Bank Statement में तो Entry है परंतु हमारे यहॉ नहीं है।
1.     Bank द्वारा दि गई सुविधाओं का Charge जो बैंक काटता है परंतु व्‍यापारी को इसकी जानकारी नहीं होती।
2.     बैंक द्वारा दिया गया ब्‍याज।
3.     ग्राहक द्वारा बैंक में सिधे पैसा जमा करवाना।
4.     चेक को बैंक में भेज देते है परंतु हमारे यहॉ Bank Account में Entry  नहीं करते भुल जाते है।
 
 

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