मंगलवार, 13 मार्च 2018

Tally-3

Journal Entry:- किसी व्‍यवसाय में होने वाले प्रत्‍येक लेन-देन को Debit (नामे) एवं Credit (जमा) के रुप में लिखना Journal Entry कहलाता है। वर्तमान में Journal Entry करने के लिए दोहरा लेखन प्रणाली का उपयोग किया जाता है।

Double Entry System (दौहरा लेखन प्रणाली) :- इस प्रणाली के अन्‍तर्गत व्‍यवसाय में होने वाले प्रत्‍येक लेन देन का लेखा दो खातो को प्रभावित करता है जिसमें एक खाता debit होता है एवं दुसरा खाता Credit होता है।

  कौन सा खाता Debit होगा एवं कौन सा खाता Credit होगा यह खाते के प्रकार पर निर्भर करता है। खाते तीन प्रकार के होते है एवं प्रत्‍येक खाते के प्रकार के साथ एक नियम होता है जो दोहरा लेखन प्रणाली में हमारे सहायक है।

1. व्‍यक्तिगत खाते (Personal Accounts)
2. वास्‍तविक खाते (Real Accounts)
3. अवास्‍तविक खाते (Nominal Accounts)

1. व्‍यक्तिगत खाते (Personal Accounts):- किसी व्‍यक्ति संस्‍था फर्म या कम्‍पनी के खाते व्‍यक्तिगत खाते कहलाते है।
व्‍यक्ति (जिवीत) - Rajesh A/c, Vikram A/c, Vaishali A/c
संस्‍था, फर्म, कम्‍पनी (कृत्रिम व्‍यक्ति) - Nimad Motors A/c , Param TechnologyA/c, DAVV A/c
नियम -1 '' जिसको देते है उसे Debit करते है एवं जिससे लेते है उसे Credit करते है। 
पैसे का लेन देन निम्‍न प्रकार से होता है- नगद- Cash A/c, एवं बैंक द्वारा - चेक एवं डीडी- Bank A/c
Entries:- 
  1.  विजय को 1000 नगद दिये । 
  2. अंकित को 50000 चेक द्वारा दिये।
  3. सौरभ से 90000 नगद प्राप्‍त हुए।
  4. अमिताभ से 35000 चेक द्वारा प्राप्‍त हुए।
  5. 20000 रुपये बैंक में नगद जमा किये। 
  6. अभिषेक को 14000 रुपये नगद एवं 25000 चेक द्वारा दिया। 
  7. प्रिया कार्पोरेशन से 80000 ऋण (Loan) चेक द्वारा प्राप्‍त हुआ। 
  8. रमेश एवं सुरेश से क्रमश: 50000 नगद एवं 30000 चेक द्वारा प्राप्‍त हुए।
  9. निरज एवं पंकज को क्रमश: 4000 चेक द्वारा एवं 3000 नगद दिये। 

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